वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें।
बहुत नादान है वो, कोई समझाओ उसे,
बात ना करने से इश्क कम नहीं होता।
मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी,
ऐसा कहकर वो कॉल काट देते हैं,
मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर,
मेरी कॉल का इंतजार करते हैं।
दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।
कुछ दिन बात ना करने से कोई बेगाना नहीं होता,
कोई भी दोस्त इतना पुराना नहीं होता,
दोस्ती में गिले-शिकवे तो चलते रहते हैं,
पर इसका मतलब दोस्तों को भुलाना नहीं होता।
तरस जाओगे मेरे लबों से कुछ सुनने को,
बात करना तो दूर हम शिकायत भी नहीं करेंगे।
दिल का हाल बताना नहीं आता,
किसी को ऐसे तड़पना नहीं आता,
सुनना चाहते है आपके आवाज़,
मगर बात करने का बहाना नहीं आता।
एक आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता हूँ,
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम,
इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ।
हिचकियाँ कहती हैं कि तुम याद करते हो,
पर बात नहीं करोगे तो एहसास कैसे होगा।
बात ना करने से इश्क कम नहीं होता,
बात ना करने से मोहब्बत कम नहीं हो जाती,
बस दिलों की दूरियां बढ़ने लगती हैं,
और प्यार की डोर धीरे धीरे कमजोर हो जाती है।