बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है,
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास।
बात तो वो आज भी करती है,
बस फर्क़ इतना है कल हमसे करती थी,
आज किसी और से करती है।
बात ना करने से इश्क कम नहीं होता,
बात ना करने से मोहब्बत कम नहीं हो जाती,
बस दिलों की दूरियां बढ़ने लगती हैं,
और प्यार की डोर धीरे धीरे कमजोर हो जाती है।
बात नहीं करना तो बस एक बहाना है,
सच तो यह है कि तुम्हारा हमसे जी भर गया है।
एक आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता हूँ,
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम,
इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ।
दिल का हाल बताना नहीं आता,
किसी को ऐसे तड़पना नहीं आता,
सुनना चाहते है आपके आवाज़,
मगर बात करने का बहाना नहीं आता।
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम,
प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे।
तुम बात ना करो, कोई बात नहीं,
लेकिन यह जान लो,
बात करने की शुरुआत वही करेगा,
जो बेपनाह मोहब्बत करता हो।
आप हम से बात नहीं करते,
और हम आप के बिना,
कोई ख्वाब नहीं देखा करते।
रूबरू होने की तो छोड़िए,
लोग गूफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढे हैं रिश्ते,
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं।
एक वक्त था जब बाते ही खत्म नहीं होती थी,
आज सबकुछ खत्म हो गया मगर बात ही नहीं होती।
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले।
मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी,
ऐसा कहकर वो कॉल काट देते हैं,
मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर,
मेरी कॉल का इंतजार करते हैं।
कभी किसीसे बात करने की आदत मत डालना,
क्यों की अगर वो बात करना बंद कर दे तो,
दुबारा जीना मुश्किल हो जाता है।
हिचकियाँ कहती हैं कि तुम याद करते हो,
पर बात नहीं करोगे तो एहसास कैसे होगा।
नादान है बहुत वो, ज़रा समझाइए उसे,
बात न करने से मोहब्बत कम नहीं होती।
ना जाने ये कैसा तरीका है तुम्हारे प्यार करने का,
की तुम्हारा मन ही नहीं करता हमसे बात करने का।
कुछ दिन बात ना करने से कोई बेगाना नहीं होता,
कोई भी दोस्त इतना पुराना नहीं होता,
दोस्ती में गिले-शिकवे तो चलते रहते हैं,
पर इसका मतलब दोस्तों को भुलाना नहीं होता।
दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।