हमें सताने की जरुरत क्या थी,
दिल मेरा जलाने की जरुरत क्या थी,
इश्क़ नहीं था मुझसे तो कह दिया होता,
मजाक मेरा यु बनाने की जरुरत क्या थी।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।
निकला करो इधर से भी होकर कभी कभी,
आया करो हमारे भी घर पर कभी कभी,
माना कि रूठ जाना यूँ आदत है आप की,
लगते मगर हैं अच्छे ये तेवर कभी कभी।
आज हम है कल हमारी यादें होगी,
जब हम न होंगे तब हमारी बातें होगी,
कभी पल्टाओगे ज़िन्दगी के ये पन्ने तो,
शायद आप की आँखों से भी बारिश होगी।
प्यार करके जताए ये जरुरी तो नहीं,
याद करके कोई बताए ये जरुरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेता है,
आँख में आंसू आए ये जरुरी तो नहीं।