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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari 2 Line in Hindi - अलोन शायरी 2 लाइन इन हिंदी

वो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हा

वो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हावो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हा,
मैं मजबूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।

रोते है तनहा देख कर मुझको वो रास्तेरोते है तनहा देख कर मुझको वो रास्ते,
जिन पे तेरे बगैर मैं गुजरा कभी न था।

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैमेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।

निगाहें अकेले गुनाह करती भी कैसेनिगाहें अकेले गुनाह करती भी कैसे,
जब तक मुस्कान उसका साथ न देती।

मेरी आँखों में देख आकर हसरतों के नक्शमेरी आँखों में देख आकर हसरतों के नक्श,
ख्वाबों में भी तेरे मिलने की फरियाद करते है।

वक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र मेंवक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र में,
इक तेरे आने के पहले इक तेरे जाने के बाद।

मीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुममीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी।

मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हामैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए।

हम वहां काम आएंगे जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगेहम वहां काम आएंगे,
जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।

कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैरकैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।

किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता हैकिसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है,
बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।

अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँअकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ,
ख़ुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ।

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं हैमुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।

एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरीएक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,
लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती।

चला जाऊंगा जैसे खुद को तन्हा छोड़ करचला जाऊंगा जैसे खुद को तन्हा छोड़ कर,
मैं अपने आपको रातों में उठकर देख लेता हूँ।

क्या मैं अकेला ही हूँ ये सितम झेलने कोक्या मैं अकेला ही हूँ, ये सितम झेलने को,
अब तो कोई आ जाये, मेरी जिंदगी में खेलने को।

चला जाऊंगा जैसे खुद को तनहा छोड़ करचला जाऊंगा जैसे खुद को तनहा छोड़ कर,
मैं अपने आपको रातों में उठकर देख लेता हूँ।

किसी का हाथ कैसे थाम लूँकिसी का हाथ कैसे थाम लूँ,
वो तनहा मिल गयी तो क्या कहूंगा।

वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी जहाँ से साथ तुमने छोड़ा थावहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी,
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था।

हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूमहुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम,
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी।

सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लोसच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो,
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है।


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