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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari 2 Line in Hindi - अलोन शायरी 2 लाइन इन हिंदी

अधूरी कहानी के किस्सो को हिस्सो मे बांट रही हुँ मै

अधूरी कहानी के किस्सो को हिस्सो मे बांट रही हुँ मैअधूरी कहानी के किस्सो को हिस्सो मे बांट रही हुँ मै,
दर्द भले ही दोनो के थे पर अकेले काट रही हुँ मै।

अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ अकेले मेंअभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ अकेले में,
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर देहर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
​तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर।

वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी जहाँ से साथ तुमने छोड़ा थावहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी,
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था।

महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गयामहफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया,
सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया।

मेरी आँखों में देख आकर हसरतों के नक्शमेरी आँखों में देख आकर हसरतों के नक्श,
ख्वाबों में भी तेरे मिलने की फरियाद करते है।

दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थेदर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आई।

हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूमहुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम,
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी।

रोते है तनहा देख कर मुझको वो रास्तेरोते है तनहा देख कर मुझको वो रास्ते,
जिन पे तेरे बगैर मैं गुजरा कभी न था।

न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ मेंन ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते है।

वो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हावो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हा,
मैं मजबूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।

किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता हैकिसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है,
बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।

क्या करेंगे महफिलों में हम बताक्या करेंगे महफिलों में हम बता,
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।

तेरी यादों के पलकों पे दिन ढलती हैतेरी यादों के पलकों पे दिन ढलती है,
अब ये सफर बहुत तनहा चलती है।

जब रहना है तनहा तो फिर रोना कैसाजब रहना है तनहा, तो फिर रोना कैसा,
जो था ही नहीं अपना, उसे खोना कैसा।

दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमेंदोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमें,
इसलिये अकेले रहना स्वीकार है हमें।

क्या मैं अकेला ही हूँ ये सितम झेलने कोक्या मैं अकेला ही हूँ, ये सितम झेलने को,
अब तो कोई आ जाये, मेरी जिंदगी में खेलने को।

अकेला भी इस तरह पड़ गया हूंअकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,
कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।

हम अपनी हस्ती मिटा कर भी तनहा हैहम अपनी हस्ती मिटा कर भी तनहा है,
सब कुछ लुटा कर भी तनहा है।

वक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र मेंवक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र में,
इक तेरे आने के पहले इक तेरे जाने के बाद।

एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी हैएक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है,
और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुजरता नहीं।


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