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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari 2 Line in Hindi - अलोन शायरी 2 लाइन इन हिंदी

अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं

अकेला भी इस तरह पड़ गया हूंअकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,
कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।

मीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुममीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी।

जब से देखा है चाँद को तन्हाजब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही।

दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थेदर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आई।

वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी जहाँ से साथ तुमने छोड़ा थावहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी,
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था।

किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता हैकिसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है,
बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।

चला जाऊंगा जैसे खुद को तन्हा छोड़ करचला जाऊंगा जैसे खुद को तन्हा छोड़ कर,
मैं अपने आपको रातों में उठकर देख लेता हूँ।

किसके साथ चलूं किसकी हो जाऊंकिसके साथ चलूं, किसकी हो जाऊं,
बेहतर है अकेली रहूँ और तन्हा हो जाऊं।

क्या मैं अकेला ही हूँ ये सितम झेलने कोक्या मैं अकेला ही हूँ, ये सितम झेलने को,
अब तो कोई आ जाये, मेरी जिंदगी में खेलने को।

हम वहां काम आएंगे जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगेहम वहां काम आएंगे,
जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।

किसी ने दिल जीत लिया किसी ने दिल हारा थाकिसी ने दिल जीत लिया, किसी ने दिल हारा था,
जो अकेला रह गया, बस वो दिल हमारा था।

अजीब सी बेताबी रहती है तेरे बिनाअजीब सी बेताबी रहती है तेरे बिना,
रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता।

आज मैं अकेला हूँतो क्या हुआआज मैं अकेला हूँतो क्या हुआ,
एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा।

तेरी यादों के पलकों पे दिन ढलती हैतेरी यादों के पलकों पे दिन ढलती है,
अब ये सफर बहुत तनहा चलती है।

एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी हैएक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है,
और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुजरता नहीं।

किसी का हाथ कैसे थाम लूँकिसी का हाथ कैसे थाम लूँ,
वो तनहा मिल गयी तो क्या कहूंगा।

एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरीएक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,
लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती।

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैमेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।

वो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हावो हर बार मुझे छोड़ के चली जाती है तन्हा,
मैं मजबूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।

सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लोसच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो,
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है।

उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोनाउसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे है।


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